ऐसा प्रतीत होता है कि सामाजिक उद्यमिता क्षेत्र अन्य क्षेत्रों और क्षेत्रों की तुलना में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और नेतृत्व के मामले में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन इस सफलता के बावजूद, महिला सामाजिक उद्यमी प्रतिकूल, पुरुष-प्रधान वातावरण में काम करना जारी रखती हैं, जिससे महिलाओं को काफी नुकसान होता है।
इस लेख में, हम 2018 और 2021 के अशोक के ग्लोबल फेलो स्टडीज के सम्मोहक परिणामों का लाभ उठाते हैं, साथ ही महिला सामाजिक उद्यमियों के सामने आने वाली बाधाओं पर अधिक विस्तार से जाने के लिए अशोक की नेक्स्ट नाउ जेंडर इक्विटी टीम द्वारा आयोजित गहन साक्षात्कारों की एक श्रृंखला का लाभ उठाते हैं। हमारा तर्क है कि व्यवस्थित रूप से इन बाधाओं पर ध्यान देने से सामाजिक उद्यमिता क्षेत्र को प्रभाव, नेतृत्व, प्रणाली परिवर्तन और अंततः सफलता को परिभाषित करने के संदर्भ में अगले स्तर तक ऊपर उठाने की क्षमता है। आज की महामारी से त्रस्त दुनिया में यह पहले से कहीं अधिक जरूरी है।
इस पेपर को पढ़कर, आपको सामाजिक उद्यमिता क्षेत्र में लैंगिक समस्या के साथ-साथ नई पहलों का एहसास होगा जो महिला सामाजिक उद्यमियों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करते हुए आशा लाती हैं और जागरूकता बढ़ाती हैं।
यहां सोशल इनोवेशन जर्नल की वेबसाइट पर एक नजर डालें।
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अशोकाज़ नेक्स्ट नाउ में जेंडर इक्विटी फील्ड लीड और अशोका टर्की के कंट्री सह-निदेशक ज़ेनेप मेदानोग्लू एर्टन द्वारा लिखित प्रकाशन। उनकी रुचि के क्षेत्रों में लैंगिक समानता, जलवायु न्याय और सिस्टम परिवर्तन प्रथाएं शामिल हैं, लेकिन यहीं तक सीमित नहीं हैं।